Double Ration Scheme: 1 जुलाई से सरकार ने राशन कार्ड धारकों को बड़ी सौगात दी है। अब हर कार्डधारक को डबल राशन मिलेगा, यानी पहले से दोगुनी मात्रा में गेहूं, चावल और दाल जैसे जरूरी अनाज बांटे जाएंगे। यह योजना खासतौर पर उन गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए है, जो हर महीने सरकारी राशन पर निर्भर रहते हैं। इस फैसले से उन लोगों को सीधी राहत मिलेगी, जिनका खर्च पहले से ही महंगाई के कारण बुरी तरह प्रभावित हो गया था। सरकार का कहना है कि कोई भी भूखा न सोए, और यही सोचकर इस योजना को लागू किया गया है।
क्या है डबल राशन योजना
डबल राशन योजना के तहत अब हर राशन कार्ड धारक को पहले से दोगुनी मात्रा में अनाज मिलेगा। पहले जहां प्रति व्यक्ति को 5 किलो अनाज दिया जाता था, अब उसे 10 किलो तक कर दिया गया है। इसमें चावल और गेहूं शामिल हैं। साथ ही कुछ राज्यों में दाल, नमक और सरसों तेल भी बांटा जा रहा है। यह योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार के रूप में चलाई जा रही है, जिससे कोरोना के बाद से शुरू हुई मुफ्त राशन योजना को और मजबूती मिले। सरकार ने इस योजना को पहले तीन महीने के लिए शुरू किया है, और इसके परिणामों के आधार पर इसे आगे बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा।
किसे मिलेगा योजना का लाभ
इस योजना का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा, जिनके पास वैध राशन कार्ड है और जो NFSA यानी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत हैं। अंत्योदय और बीपीएल कार्डधारकों को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। इसके अलावा कुछ राज्यों ने APL कार्ड वालों को भी इस योजना में शामिल किया है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में यह स्कीम एक साथ लागू की गई है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना से वंचित न रह जाए। जिन लोगों का अभी तक ई-केवाईसी पूरा नहीं हुआ है, उन्हें जल्द से जल्द अपनी आधार से लिंकिंग कराने की सलाह दी जा रही है।
राशन वितरण की प्रक्रिया
डबल राशन पाने के लिए किसी भी कार्डधारक को अपने नजदीकी सरकारी राशन डीलर के पास जाना होगा। वहां उन्हें अपना राशन कार्ड और आधार नंबर देना होगा, जिसके बाद बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से उनकी पहचान की जाएगी। इसके बाद उन्हें निर्धारित मात्रा में अनाज वितरित किया जाएगा। कुछ राज्यों ने अब मोबाइल OTP वेरिफिकेशन की सुविधा भी शुरू की है, जिससे प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया गया है। कई राज्यों ने लाभार्थियों को एसएमएस के जरिए सूचना देना भी शुरू किया है, ताकि कोई भी व्यक्ति जानकारी के अभाव में अनाज से वंचित न रह जाए।
लोगों को क्या होगा फायदा
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब गरीब परिवारों को महीने भर का अनाज आसानी से मिल जाएगा। उन्हें बाजार से महंगे दामों पर राशन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी, और घर का बजट संतुलित रहेगा। जिन परिवारों में सदस्य अधिक हैं, उन्हें अब पहले से दोगुनी राहत मिलेगी। दाल और तेल जैसी आवश्यक वस्तुएं भी मुफ्त या बेहद कम दाम में मिलने से पोषण स्तर में भी सुधार होगा। साथ ही इसका सकारात्मक असर बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां रोजगार के अवसर कम हैं, वहां यह योजना एक बड़ा सहारा साबित होगी।
सरकार की मंशा और तैयारी
सरकार ने इस योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए देशभर के राशन गोदामों में भरपूर स्टॉक पहले से तैयार किया है। राज्यों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे वितरण में पारदर्शिता रखें और किसी तरह की कालाबाजारी या गड़बड़ी न होने दें। इसके लिए निगरानी समितियां भी बनाई गई हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि यह योजना खाद्य सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है, और इसके ज़रिए करोड़ों परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस योजना पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं, जिससे गरीबों तक इसका पूरा लाभ पहुंचे।
लोग क्या कह रहे हैं योजना पर
जिन लोगों को योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया है, वे बेहद खुश हैं और सरकार का धन्यवाद कर रहे हैं। खासतौर पर छोटे किसान, मजदूर, घरेलू महिलाएं और बुजुर्ग इसे राहत की सांस बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस योजना को लेकर काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। लोगों का कहना है कि अगर ऐसी योजनाएं नियमित रूप से जारी रहीं, तो गरीबी को काफी हद तक कम किया जा सकता है। कुछ लोगों ने मांग की है कि सरकार इसे केवल 3 महीने तक सीमित न रखे, बल्कि इसे स्थायी रूप से लागू करे, जिससे देश का हर गरीब महीने भर का खाना चैन से जुटा सके।
योजना कितने समय तक लागू रहेगी
फिलहाल सरकार ने डबल राशन योजना को जुलाई से सितंबर 2025 तक यानी तीन महीने के लिए लागू किया है। हालांकि, यदि जरूरत पड़ी और योजना सफल रही, तो इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। सरकार योजना के हर पहलू पर नजर रख रही है और समय-समय पर इसके प्रभाव का मूल्यांकन कर रही है, ताकि आगे की रणनीति बेहतर ढंग से तय की जा सके। आने वाले समय में यदि बजट और स्टॉक की स्थिति अनुकूल रही, तो योजना को स्थायी रूप देने पर भी विचार हो सकता है।
अस्वीकृति
यह लेख सरकारी घोषणाओं, मीडिया रिपोर्ट्स और योजनाओं से संबंधित दस्तावेजों पर आधारित है। योजना के नियम राज्यवार अलग-अलग हो सकते हैं। राशन वितरण, मात्रा, पात्रता और समय सीमा में स्थानीय प्रशासन द्वारा बदलाव किया जा सकता है। किसी भी प्रकार की योजना से लाभ लेने से पहले संबंधित सरकारी विभाग या राशन दुकान से जानकारी प्राप्त करें। यह लेख केवल सूचना देने के उद्देश्य से लिखा गया है और किसी भी आधिकारिक घोषणा का स्थान नहीं लेता।