Free Ration Stopped: सरकार की तरफ से राशन कार्ड धारकों के लिए एक बड़ा फैसला सामने आया है जो करोड़ों लाभार्थियों के लिए झटका साबित हो सकता है। केंद्र सरकार ने अचानक घोषणा की है कि कई राज्यों में मुफ्त अनाज वितरण योजना को रोकने का फैसला लिया गया है। इसके तहत अब गरीबों को मिलने वाला चावल, गेहूं, बाजरा और कई अन्य खाद्यान्न वस्तुएं नहीं दी जाएंगी। यह फैसला जैसे ही सामने आया देश के लाखों लाभार्थियों के बीच चिंता की लहर दौड़ गई है क्योंकि यह राहत योजना उनकी रोजमर्रा की जरूरतों का एक महत्वपूर्ण सहारा थी।
किस राज्यों में बंद
सरकार के आदेश के अनुसार यह बंदी कुछ खास राज्यों में लागू की जा रही है जहां स्थानीय प्रशासन द्वारा फंड या सप्लाई से जुड़ी समस्याएं बताई गई हैं। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में राशन वितरण में कटौती की खबरें सामने आई हैं। इन राज्यों में सरकारी गोदामों से खाद्यान्न आपूर्ति रोक दी गई है और राशन दुकानों पर स्टॉक सीमित कर दिया गया है। इसका सीधा असर गरीब वर्ग और मजदूर परिवारों पर पड़ने वाला है जो पूरी तरह से इस योजना पर निर्भर थे।
सरकार ने क्यों लिया फैसला
केंद्र सरकार ने यह कदम अनाज की कमी और राज्य सरकारों की ओर से फंड रिलीज में देरी को वजह बताया है। कई राज्यों में सरकारी राशन की कालाबाजारी और फर्जी राशन कार्ड की शिकायतें भी लगातार मिल रही थीं। ऐसे में सरकार ने यह फैसला लिया कि जब तक सिस्टम में पारदर्शिता और सही वितरण प्रक्रिया सुनिश्चित नहीं होती, तब तक मुफ्त अनाज योजना को रोका जाएगा। साथ ही सरकार का यह भी कहना है कि इस योजना की फिर से समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर कुछ शर्तों के साथ दोबारा शुरू किया जा सकता है।
राशन कार्ड धारकों की परेशानी
इस फैसले से लाखों ऐसे गरीब परिवार बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं जिनकी रोज की थाली सरकारी राशन पर ही निर्भर रहती थी। पहले जहां हर महीने प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज मुफ्त मिलता था अब वह पूरी तरह से बंद हो चुका है। राशन कार्ड धारकों को न तो समय पर जानकारी मिली और न ही कोई विकल्प। कई लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें दुकान पर जाकर पता चला कि अब राशन नहीं मिलेगा। अचानक आए इस फैसले से गांवों और कस्बों में आक्रोश की स्थिति बन गई है।
राशन दुकानदारों की प्रतिक्रिया
राशन वितरण केंद्रों के संचालकों का कहना है कि उन्हें भी इस फैसले की सूचना बहुत देर से दी गई। सरकार की ओर से खाद्यान्न का आवंटन न होने के कारण वह लाभार्थियों को राशन नहीं दे पा रहे हैं। कुछ दुकानों पर तो भारी भीड़ और हंगामे की स्थिति भी बन गई। कई दुकानदारों का यह भी कहना है कि जब तक केंद्र या राज्य सरकार से कोई नया आदेश नहीं आता तब तक वितरण पूरी तरह रुका रहेगा। इससे उन पर भी दबाव बढ़ गया है क्योंकि लोग गुस्से में सवाल पूछ रहे हैं।
फिर से कब शुरू होगा
फिलहाल सरकार की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह योजना कब तक बंद रहेगी या कब दोबारा शुरू की जाएगी। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अगर सभी राज्य अपने रिकॉर्ड और वितरण सिस्टम को अपडेट कर लें तो योजना एक बार फिर से लागू हो सकती है। साथ ही यह भी संभव है कि भविष्य में मुफ्त की बजाय सब्सिडी के आधार पर राशन दिया जाए। सरकार की तरफ से यह संकेत मिल रहा है कि अगला कदम आम बजट के बाद लिया जा सकता है।
क्या बोले आम लोग
गांवों और शहरों से मिल रही रिपोर्ट्स के अनुसार आम जनता इस फैसले से नाराज है। गरीब तबके के लिए यह योजना जीवनरेखा जैसी थी और इसके अचानक बंद हो जाने से उन्हें झटका लगा है। खासकर दैनिक मजदूरी करने वाले परिवार जो पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे हैं उनके सामने अब भोजन का संकट खड़ा हो गया है। कुछ लोगों का कहना है कि जब चुनाव आते हैं तो सरकार वादे करती है और अब बिना कोई सूचना दिए राशन बंद कर दिया गया। लोगों ने मांग की है कि योजना तुरंत फिर से शुरू की जाए।
अस्वीकृति
यह लेख राशन कार्ड योजना में हाल ही में आए सरकारी बदलावों और वितरण पर रोक की खबरों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और सरकारी रिपोर्ट्स पर आधारित है जो समय के साथ बदल सकती है। किसी भी अधिकारिक पुष्टि या अपडेट के लिए कृपया अपने नजदीकी राशन केंद्र या सरकारी पोर्टल की जानकारी लें। यह लेख केवल सामान्य सूचना देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है और इसे किसी प्रकार की कानूनी या प्रशासनिक सलाह न समझा जाए।