RBI ATM Rules: अगर आप भी एटीएम से कैश निकालते हैं या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल शॉपिंग और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में करते हैं, तो अब ज़रा सावधान हो जाइए। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम और डेबिट कार्ड के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए सख्ती बढ़ा दी है। इन नए नियमों का सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा। खास बात यह है कि अब गलतियों की गुंजाइश नहीं होगी और लापरवाही महंगी पड़ सकती है।
एटीएम ट्रांजैक्शन की सीमा पर कड़ी नजर
RBI ने एटीएम से होने वाले ट्रांजैक्शनों पर निगरानी और भी सख्त कर दी है। अब ग्राहक को मुफ्त ट्रांजैक्शन की एक तय सीमा दी जाएगी। मेट्रो शहरों में यह सीमा 5 ट्रांजैक्शन तक सीमित है, जबकि नॉन-मेट्रो में 3 तक। इसके बाद हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर शुल्क लगेगा। कई लोग अनावश्यक ट्रांजैक्शन कर लेते हैं, जिससे उनका पैसा बेवजह कट जाता है। RBI का मानना है कि इस व्यवस्था से ट्रांजैक्शन पर नियंत्रण रहेगा और सिस्टम पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा।
गलत पिन एंट्री पर होगी कार्रवाई
कई बार ग्राहक बार-बार गलत पिन एंटर कर देते हैं जिससे न सिर्फ ट्रांजैक्शन फेल होता है बल्कि कार्ड भी ब्लॉक हो सकता है। RBI ने अब यह साफ कर दिया है कि एक दिन में 3 बार से ज्यादा गलत पिन डालने पर कार्ड ऑटोमेटिकली अस्थायी रूप से ब्लॉक हो जाएगा। इसके बाद ग्राहक को बैंक शाखा जाकर कार्ड दोबारा एक्टिवेट करवाना होगा। इसका उद्देश्य कार्ड से फ्रॉड को रोकना और सुरक्षा बढ़ाना है।
कार्ड फ्रॉड पर बैंकों की जिम्मेदारी तय
यदि ग्राहक का पैसा डेबिट कार्ड के जरिए धोखाधड़ी से निकल गया है, तो RBI के नए नियमों के अनुसार अब बैंक पूरी जांच के बाद 7 कार्य दिवसों के भीतर पैसे ग्राहक को वापस करेगा, बशर्ते कि ग्राहक ने समय रहते शिकायत दर्ज कराई हो। यह बदलाव ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए किया गया है। यदि बैंक देरी करता है, तो उसे ग्राहक को अतिरिक्त मुआवजा भी देना पड़ सकता है।
एटीएम से कैश न निकलने पर तुरंत मिलेंगे पैसे
कई बार एटीएम से पैसे निकालने के दौरान मशीन में तकनीकी खराबी आ जाती है और कैश नहीं निकलता, लेकिन खाते से पैसे कट जाते हैं। अब ऐसी स्थिति में ग्राहक को 5 कार्यदिवस के भीतर पैसे वापस मिलेंगे। यदि बैंक इसमें देरी करता है, तो उसे हर दिन ₹100 का मुआवजा ग्राहक को देना होगा। यह नियम ग्राहकों की शिकायतों को तुरंत हल करने के मकसद से लाया गया है।
डेबिट कार्ड की लिमिट को लेकर भी नियम सख्त
अब डेबिट कार्ड से एक दिन में कितनी रकम निकाली जा सकती है, इस पर भी बैंक को ग्राहक को स्पष्ट जानकारी देनी होगी। हर कार्ड की अलग-अलग लिमिट होती है, लेकिन अब बैंक को एसएमएस और ईमेल के जरिए ग्राहक को समय-समय पर यह जानकारी भेजनी अनिवार्य होगी। ग्राहक चाहे तो अपने कार्ड की लिमिट को बढ़ा या घटा सकता है लेकिन बिना ग्राहक की अनुमति के बैंक कोई बदलाव नहीं कर सकेगा।
इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन पर भी नियंत्रण
अगर आपका डेबिट कार्ड इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन के लिए एक्टिव है, तो अब यह सुविधा डिफॉल्ट रूप में नहीं मिलेगी। ग्राहक को खुद जाकर बैंक ऐप या ब्रांच से यह सुविधा एक्टिवेट करनी होगी। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कार्ड का दुरुपयोग विदेशों में न हो और ग्राहक की जानकारी के बिना कोई लेन-देन न हो सके। यह बदलाव साइबर फ्रॉड से बचाने की दिशा में बड़ा कदम है।
कार्ड की वैधता और नवीनीकरण की नई व्यवस्था
RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों को कार्ड एक्सपायर होने से पहले ही सूचित करें और नया कार्ड समय रहते भेजें। इसके साथ ही पुराने कार्ड को समय रहते डिएक्टिवेट करना अनिवार्य होगा। कई ग्राहक ऐसे होते हैं जो पुराने एक्सपायर कार्ड का उपयोग करते रहते हैं, जिससे ट्रांजैक्शन फेल होते हैं या फ्रॉड की संभावना बढ़ जाती है।
बैंकिंग ऐप्स पर भी बढ़ेगी सख्ती
अब बैंकिंग ऐप्स पर लॉगिन से लेकर ट्रांजैक्शन तक हर स्तर पर OTP और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी होगा। RBI का मकसद है कि कोई भी लेन-देन बिना ग्राहक की सहमति और सुरक्षा जांच के पूरा न हो। खासकर डेबिट कार्ड से जुड़े ऑनलाइन पेमेंट्स में अब बैंकों को दो-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली लागू करनी होगी।
निष्कर्ष
RBI के ये नए नियम ग्राहक की सुरक्षा और सिस्टम की पारदर्शिता के लिए बेहद अहम हैं। एटीएम ट्रांजैक्शन, डेबिट कार्ड लिमिट, फ्रॉड रिकवरी और इंटरनेशनल यूज़ जैसे मुद्दों पर अब लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है। यदि आप इन नियमों को ध्यान में रखकर बैंकिंग करते हैं, तो न सिर्फ आपकी धनराशि सुरक्षित रहेगी बल्कि आपको अनावश्यक परेशानियों से भी छुटकारा मिलेगा।
अस्वीकृति
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए तैयार किया गया है। किसी भी प्रकार की बैंकिंग गतिविधि से पहले संबंधित बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या शाखा से पुष्टि करना आवश्यक है। नियम समय के साथ बदल सकते हैं इसलिए अद्यतन जानकारी के लिए RBI की वेबसाइट पर नज़र बनाए रखें।